चौखट पर रुकी धूप..

पीली सी धूप..
रोज़ आ जाती है नीम को पार करते..
मेरी चौखट पर..
रुक कर देखता है सूरज..
उस पीली पड़ती धूप को..
कांपती है जब वो मेरे लेम्पशेड के पास आकर..
और मैं देखती हूँ टकटकी लगाकर
उनका यूँ मिलना..
एक मौन समझौता..
जैसे थकी हुई धूप मेरी शाम के सांवलेपन को
कम करने की हिदायत दे रही हो..
लेम्पशेड कुछ कहता नहीं
बस मुस्कुरा देता है..
आज लेकिन ठिठक गयी..
रुक गयी धूप चौखट पर..
आज वहां नहीं था लेम्पशेड..
बस थी एक ज़र्द पड़ी तस्वीर..
और उसपर काँपता लिफाफा..
धूप फिर लौट गयी..
अब शायद कल फिर न आये..!!

8 comments:

  1. एक मौन समझौता..
    जैसे थकी हुई धूप मेरी शाम के सांवलेपन को
    कम करने की हिदायत दे रही हो.....
    ...........
    धूप फिर लौट गयी..aur ek ankaha pasar gaya undono ke bich , bahut kuch kahti rachna

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  2. मनीषा दि कमाल का लिखा है आपने

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  3. आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
    प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
    कल (11-4-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
    देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
    अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।

    http://charchamanch.blogspot.com/

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  4. धूप और लैम्पशेड का मौन समझौता ...अच्छी प्रस्तुति

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  5. कवियों की रचनाओं का अनमोल संग्रह का संपादन मैं पुनः कर रही हूँ , सबकी तरफ से एक निश्चित धनराशि का योगदान
    है ... क्या शामिल होना चाहेंगे ?
    1) इस पुस्तक में 25-30 कवियों/कवयित्रियों की प्रतिनिधि कविताओं को संकलित की जायेंगी।
    2) इस पुस्तक का संपादन रश्मि प्रभा करेंगी।
    3) एक कवि को लगभग 6 पृष्ठ दिया जायेगा
    4) सहयोग राशि के बदले में पुस्तक की 25 प्रतियाँ दी जायेंगी।
    5) सभी पुस्तकें हार्ड-बाइंड (सजिल्द) होंगी और उनमें विशेष तरह कागज इस्तेमाल किया जायेगा।
    6) यदि कोई कवि 6 से अधिक पृष्ठ की माँग करता है या उसकी कविताएँ 6 से अधिक पृष्ठ घेरती हैं तो उसे प्रति पृष्ठ रु 500 के हिसाब
    से अतिरिक्त सहयोग देना होगा। उदाहरण के लिए यदि किसी कवि को 10 पृष्ठ चाहिए तो 4 अतिरिक्त पृष्ठों के लिए रु 500 X 4= रु 2000
    अतिरिक्त देना होगा
    7) यदि कोई कवि 25 से अधिक प्रतियाँ चाहता है तो उसे अभी ही कुल प्रतियों की संख्या बतानी होगी। अतिरिक्त प्रतियाँ उसे
    अधिकतम मूल्य (जो कि रु 300 होगा) पर 50 प्रतिशत छूट (यानी रु 150 प्रति पुस्तक) पर दी जायेंगी।
    8) यदि किसी कवि ने अतिरिक्त कॉपियों का ऑर्डर पहले से बुक नहीं किया है तो बाद में अतिरिक्त कॉपियों की आपूर्ति की गारंटी हिन्द-युग्म
    या रश्मि प्रभा की नहीं होगी। यदि प्रतियाँ उपलब्ध होंगी तो 33 प्रतिशत छूट के बाद यानी रु 200 में दी जायेंगी।
    10) कविता-संग्रह की कविताओं पर संबंधित कवियों का कॉपीराइट होगा।
    11) सभी कवियों और संपादक को 20 प्रतिशत की रॉयल्टी दी जायेगी (बराबर-बराबर)
    rasprabha@gmail.com per sampark kar sakti hain

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  6. आप सभी मित्रों के स्नेह के लिए धन्यवाद..चर्चा मंच पर मेरी कविता का आना सम्मान का विषय..बेहद शुक्रिया..

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  7. बहुत सुंदर रचना है और उतना ही सुंदर प्रस्तुतीकरण ........!!
    रंगों का प्रयोग कविता से ऐसा मिल गया है जैसे सब गूंध कर फिर रस बरस रहा है ...!!
    बहुत ही भावमयी-रसमयी मन को छूती हुई कविता ...!!
    बधाई .

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  8. bahut sahzta se man ki faans ko shabdo me dhaala hai. sunder abhivyakti.

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